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    नंदादेवी मेला

    उत्तराखंड की नंदा सुनंदा देवियाँ कुमाऊँ मंडल का सबसे प्रसिद्ध मेला नंदादेवी मेला है। इसका आयोजन सितंबर माह के दौरान कई स्थानों जैसे अल्मोडा, नैनीताल, बागेश्वर, भवाली, कोट (डंगोली) और कुमाऊं के दूर-दराज के जोहार गांवों (जैसे मिलम और मार्तोली) में भी किया जाता है।

    मुख्य मेला अल्मोडा शहर में आयोजित किया जाता है, यह तब से आयोजित किया जाता है जब चंद राजाओं ने यहां शासन किया था। ऐसा माना जाता है कि ‘नंदा’ चंद वंश की कुल देवी हुआ करती थीं। ‘नंदा’ शब्द का अर्थ समृद्धि है। अल्मोडा में ‘नंदा’ का मंदिर सत्रहवीं शताब्दी में यहां के तत्कालीन शासक द्योत चंदा ने बनवाया था। वर्तमान में यह मंदिर उत्सव का केंद्र बना हुआ है। इस उत्सव की अवधि पांच दिनों की होती है और इस उत्सव में शामिल होने के लिए लगभग पच्चीस हजार लोग पर्यटक आते हैं।

    नंदा देवी मेला भी नैनीताल में आयोजित किया जाता है, जहां नंदा देवी मंदिर में एक सप्ताह तक चलने वाला उत्सव आयोजित किया जाता है। अंत में नगर में मां नंदा देवी की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई।
    जोहार क्षेत्र में नंदा देवी मेला